गाम लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
गाम लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

गुरुवार, 24 मई 2012

बौआ कहिया आयब गाम यौ .....









बाट जोहि जोहि ,
मोन अईछ थाकल ,
मुंह देखय लेल,
मोन अईछ लागल,
बौआ, कहिया आयब गाम यौ ? 


बीतल बसंत पंचमी, आ,
गेल होली कहिया नय ,
सब पाबैन अहाँ बिनु बीतल ,
कुन कुन के लिय नाम यौ,
बौआ, कहिया आयब गाम यौ ? 


सहरसा बला काका एला,
दुमका बला आईब क गेला,
कहिया आयत अहांके बेटा,
सब पूछैत अईछ, सब ठाम यौ,
बौवा, कहिया आयब गाम यौ ? 


पाहिले लिखित छलौं चिट्ठी-पत्री,
कखनो पठ्बैईत छलौं सनेस,
आब त फ़ोन पर,
क लैएत छी छोट सन, राम राम यौ,
बौआ, कहिया आयब गाम यौ ? 


मानल, परदेस बहुत कमेलौं,
हमरो सब लेल खूब पठेलौं,
मुदा माय-बाप के प्रेम सं पैघ,
के द देत ,दाम यौ,
बौआ, कहिया आयब गाम यौ ? 


कलम-गाछी , अंगना-दालान,
बिनु अहाँ, सब सुनसान,
गाछ मजरल, बाट ताकय लगलौं,
आब त पाईक रहल अईछ, आम यौ,
बौआ, कहिया आयब गाम यौ ? 



आय मिथिलांचल के सब माय, अपना बौआ सब सं यैह  पूईछ रहल छैक । हमर मां के ई रचना बहुत पसंद छलैन हम हुनका पत्र में ई लिख के पठेने छलियैन ।